जालीघर में रहने वाले सभी जीव एक-दूसरे के मित्र बन गए थे, पर कुब्जा के साथ ऐसा संभव क्यों नहीं हो पाया?

कुब्जा का स्वभाव जालीघर में बाकी रहने वाले लोगों से बहुत अलग था। उसका स्वभाव उसके नाम की ही तरह था| उसके मन में लोगों के प्रति ईर्ष्या का भाव था। वह राधा और नीलकंठ को एक साथ देखती थी तो उसे जलन होती थी। वह चाहती थी कि नीलकंठ के साथ राधा की जगह वह हो। अपने ईर्ष्यालु स्वभाव और द्वेष-भावना के कारण वह अन्य जीव-जंतुओं की दोस्त नहीं बन पाई।


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